Not known Facts About hanuman chalisa

भावार्थ – हे हनुमान जी ! यदि कोई मन, कर्म और वाणीद्वारा आपका (सच्चे हृदय से) ध्यान करे तो निश्चय ही आप उसे सारे संकटों से छुटकारा दिला देते हैं।

Nevertheless, as soon as Hanuman was traveling earlier mentioned the seas to visit Lanka, a fall of his sweat fell within the mouth of the crocodile, which finally turned into a baby. The monkey little one was delivered with the crocodile, who was before long retrieved by Ahiravana, and raised by him, named Makardhwaja, and created the guard from the gates of Patala, the previous's kingdom.

व्याख्या – जो मन से सोचते हैं वही वाणी से बोलते हैं तथा वही कर्म करते हैं ऐसे महात्मागण को हनुमान जी संकट से छुड़ाते हैं। जो मन में कुछ सोचते हैं, वाणी से कुछ दूसरी बात बोलते हैं तथा कर्म कुछ और करते हैं, वे दुरात्मा हैं। वे संकट से नहीं छूटते।

राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६॥ तुह्मरो मन्त्र बिभीषन माना ।

People who just take refuge in You, discover all the comforts and contentment. When We now have a protector like You, we do not really need to get petrified of any person or nearly anything.

भावार्थ – श्री गुरुदेव के चरण–कमलों click here की धूलि से अपने मनरूपी दर्पण को निर्मल करके मैं श्री रघुवर के उस सुन्दर यश का वर्णन करता हूँ जो चारों फल (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) को प्रदान करने वाला है।

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SankataSankataTrouble / difficulty kataiKataiCut shorter / conclusion mitaiMitaiRemoved sabaSabaAll pīrāPīrāPains / troubles / sufferings

राम काज करिबे को आतुर ॥७॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।

हर बाधाओं को दूर करने हेतु, तनाब मुक्त रहने के लिए, यात्रा प्रारंभ से पहले, बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु एवं मनोकामनाएं सिद्धि के लिए श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।

व्याख्या – श्री हनुमान जी से अष्टसिद्धि और नवनिधि के अतिरिक्त मोक्ष या भक्ति भी प्राप्त की जा सकती है। इस कारण इस मानव जीवन की अल्पायु में बहुत जगह न भटकने की बात कही गयी है। ऐसा दिशा–निर्देश किया गया है जहाँ से चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) प्राप्त किये जा सकते हैं।

.. और यही कारण है निराला जी तुलसीदास को कालिदास, व्यास, वाल्मीकि, होमर, गेटे और शेक्सपियर के समकक्ष रखकर उनके महत्त्व का आकलन करते हैं।

“Your glory is for each of the 4 yugas, Your greatness is rather popular all through the globe, and illuminates the world.”

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